डायरेक्टर इम्तियाज अली की 'जब हैरी मेट सेजल' उनकी बाकी फिल्मों की तरह ही है. विदेश, खूबसूरत नजारे और इश्क में मिलना-बिछड़ना. फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है और सबसे ज्यादा तंग करती है कछुए की चाल से रेंगने वाली कहानी. उसके साथ ही फिल्म के कैरेक्टर्स के साथ कनेक्शन पॉइंट बन ही नहीं पाता है. न सेजल दिल में उतर पाती है और न ही हैरी.